दिल्ली हिंसाः जली दुकानें, टूटी छतें और पथरीली सड़कें बयां कर रही हैं उपद्रव की दास्तां

पथरीली सड़कें, टूटी छतें और जली दुकानें...। नागरिकता संसोधित कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोधियों और समर्थकों के उपद्रव की काली दास्तां बयां करती दीवारें। कोल्ड ड्रिंक्स की बोतलें जिन्हें पेट्रोल बम के तौर पर हिंसा के दौरान इस्तेमाल किया गया। तीन दिन तक हिंसा और आगजनी से कराहती उत्तर-पूर्वी दिल्ली की कॉलोनियों का यह मंजर है, लेकिन ऐसा लग रहा है जैसे सीरिया का कोई इलाका हो।


रविवार से शुरू हुई हिंसा और आगजनी की जद में करावल नगर, शिव विहार, खजूरी खास, ब्रजपुरी और घोंडा सहित आसपास के इलाकों में उपद्रवियों ने इस कदर कहर बरपाया, जिसकी भरपाई महीनों बाद भी नहीं हो सकेगी। खजूरी खास से करावल नगर रोड की तरफ बढ़ते हर कदम के साथ ईंटें और पत्थरों की अभी भी सड़कों पर भरमार है। वहीं जलाई गई दुकानों में अभी भी उपद्रव की तपिश है।


स्थानीय निवासी संजय ने बताया कि सोमवार शाम एक घर की छत से पहले पत्थरबाजी की शुरुआत हुई। इसके कुछ देर बाद गोलियां चलने लगीं। अगले दिन भी कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया। उन्होंने कहा कि किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि इतने पत्थर कहां से आए।

कोल्ड ड्रिंक्स की बोतलों में पेट्रोल डालकर इसका बम के तौर पर इस्तेमाल किया गया। इस दौरान भीड़ की शक्ल में मौजूद उपद्रवियों ने पत्थरबाजी के साथ-साथ गोलियों का भी जमकर इस्तेमाल किया। पत्थरबाजी में कई घरों की छतें भी इस कदर टूट गईं कि नए सिरे से तैयार करना होगा। 

वहीं, खजूरी खास से करावल नगर रोड पर दोनों तरफ फर्नीचर और दवाइयों की दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया। मो. फैजान अशर्ती दवाखाना के संचालक एजाज ने बताया कि उपद्रवियों ने उनकी दुकान को आग के हवाले कर दिया। 20 साल से चल रही इस दुकान में करीब दो करोड़ की दवाइयां थीं।